1 नव॰ 2009

हिंदू धर्मस्थली से बनी जैन धर्मैस्थली....................


कहा जाता है कि सभी धर्मो का अपना विशेष महत्व होता है । पर इस तरह कि कहानी बन रहीहै ............... उत्तरप्रदेश के मेरठ जिले में स्थित हस्तिनापुर जिसे प्राचीन काल में हिंदू धरम कि धर्मस्थलि कहा जाता था । यानि पांडवो कि राजधानी हस्तिनापुर...................... माना ये जाता है कि कुंती से जन्मे paacnho pandewo का जन्मे हस्तिनापुर में हुआ था। लेकिन यही हस्तिनापुर जैन धर्मे कि तीर्थ issthali बन चुकी है । वेसे तो भरत कि इस प्रचिउन राजधानी का पोंराणिक कथाओ में नाम बहुत ही लोकप्रिय है । लेकिन आज धर्म का इस वर्चस्व बना हुआ है । वैसे तो हस्तिनापुर कसबे में जैन धर्म कि आबादी नही ज़यादा है। फिर भी इस धर्म के लिए आज यह isthan बहुत ही prasidh हो गया है । पोंराणिक कथाओ में जैन धर्म का इस isthan से कोई लेना देना नही है । स्थल आज जैन धर्म का paryettak स्थल भी बन चुका है।
पांडवो कीराजधानी कही जाने वाली आज इस नगरी में प्राचीन मंदिरो का नामो निशान खत्म होता जा रहा है। हस्तिनापुर को कभी भारत की राजधानी कह जाता था । जिन पांडवो ने कुंती से जन्म लिया था । उन्होंने अपने बल budhi से कोरवो को हराया था। हस्तिनापुर की कहानी हिंदू धर्म को aapas में jodti है । इस धर्म का इस स्थान से koye nata नही है । आज का हस्तिनापुर वो हस्तिनापुर नही रहा है । जो वो barso से था।
आज इस स्थान पर जैन dhram के बहुत से मन्दिर बन गए है
लेकिन हिंदू धर्म के giney chuney मन्दिर है।
kenderya सरकार से guzarish है की इस स्थान को इंटरनेशनल tourism बनाने के लिए ghoshit कर दे taki hastinpur का naam फिर इतिहास के panno में amar हो जाए। .

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