9 मई 2010

तेरे कर्ज़ कों कैसे उतारू.. माँ .....


कहते है की एक माँ १०० शिक्षको के बराबर होती है ऐसी माँ कों मेरा सत सत प्रणाम
09 माह तक गर्भ धारण करती।
09 माह में कितने पल ख़ुशी से नाच उठती ।।
कभी गुमशुम , कभी आशंकित हो जाती।
कभी गुनगुना कर उठाती।।
कभी सपनो में खो जाती ।
कभी दर्द सहन करती ।।
कभी ख़ुशी के पींगे भारती ।
कभी अनदेखे- अनछुए दुआ करती ।।
कभी सुने आँगन में त्यागी हुए कपोल कों रोपती।
कभी ज़िन्दगी और आँगन कों पल भर में गुलज़ार करती ।।
तेरे हर सपने कों सलाम करता हूँ ।
आज ऐ माँ ! इस दुनिया में आकर में तुम्हे प्रणाम करता हूँ ।।
माँ में तेरा इस क़र्ज़ कों कभी उतार नहीं सकता । में हमेशा तेरा कर्जदार रहूँगा माँ। ................... माँ की याद जब बहुत आती है ...............जब एक बेटा अपनी माँ से कही बहुत दूर चला जाता है ..........

6 मई 2010

बोखलायी पुलिस ने हरी भूमि के पत्रकारों पर उतारा घुस्सा ..


यह घटना कोई पहली नही है इससे पहले भी तीन बार रायपुर पुलिस हरी भूमि के पत्रकारों कों आपना निशाना बना चुकी है। इस बार की यह घटना चोथी है। रात के समय जब सेंट्रल डेस्क के दो पत्रकारों कों हरी भूमि के गेट के सामने, रात के १ बजे धमतरी रोड पर पेट्रोलिंग करते समय कुछ पुलिस वालो ने इनकों पकड़कर सीधे पुलिस स्टेशन ले गए। पहचान पत्र दिखाने पर भी नहीं माने और एक दो थपड मार ही दिया। पत्रकारों में घुस्सा तब फुटा जब इस घटना का पता सुबह मीटिंग में चला । फिर क्या पूरा स्टाफ प्रेस क्लब पंहुचा और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया । पूरा इलेक्ट्रोनिक और प्रिंट मीडिया रायपुर की पुलिस के खिलाफ उतर पड़ा और शहर में हंगामा । आईजी ने पुलिस इंस्पेक्टर कों बर्खास्त करने के आदेश दिए। हादसों की जाच तो रायपुर पुलिस की नियति है । अब देखते है की जाच कब तक होगी और इसका रिजल्ट क्या होगा। यहाँ की पुलिस इतने मक्कार है की घूस लेने में नम्बर एक बेवजह लोगो कों परेशान करती है। जब पत्रकार इनको चोर दिखेंगे तो चोरो कों क्या समझेंगे । कुछ समझ नहीं आता इस पुलिस का क्या होगा ....................................कुछ ही दिन पहिले रायपुर के थानों की रात कों फोटो खीच कर एक स्टोरी बनायीं थी की कुछ थानों की पुलिस रात में ताले लगाकर सोती है ........कही इससे तो नहीं बोखालाई है ..........................आई जी भी इस स्टेरी से खुश नहीं थे । उनका कहना था की आपने इसको छाप कर सीधे नक्सलियो कों बढावा दिया है...........। फिर तो नक्सली कभी भी शहर में हमला करे सकते है। .................... यह स्टोरी थी भवानी कि, .............. और इस बाबत ललित और भवानी आई जी से मिलने गए थे। इस घटना से रायपुर के सभी पत्रकार सकते में है .........................

4 मई 2010

स्वराज या सुराज अभियान ..................


छत्तीसगढ़ के नक्सली हमले के ठीक ६ दिन बाद रमन सरकार ने एक अभियान शुरू किया जिसको नाम दिया सुराज अभियान इस अभियान मतलब है । जनता की समस्या को सुनकर, नयी घोंषणाये करना , जनता कों किस किस चीज़ की ज़रूरत है जो योजनाए चल रही है उनका काम सही चल तरीके से चला रहा क्या नहीं । ये सब सूरज अभियान के अन्तरगत आता है ............ लेखन जारी रहगा ...............