9 अप्रैल 2010

ग्रीन हंट बनाम रेड हंट


मुझे रायपुर में आये हुए अभी मात्र तीसरा दिन हुआ था जिस दिन में रायपुर में आया उसी दिन दंतेवाडा जिले के चिन्तलनार के जंगलो में नक्सलियों ने ग्रीन हंट को रेड हंट बना दिया । जिसमे सी आर पी ऍफ़ के लगभग ८० जवान शहीद हो गए । में इस घटना का सीधा लाइव अपने ऑफिस में बैठा देख रहा था । इस घटना को देखते ही मानो मेरे तो रोंगटे ही खड़े हो गये । इससे पहले नक्सलियो की इतनी बड़ी घटना मैंने कभी न तो देखी सुनी। में छत्तीसगढ़ अपनी ज़िन्दगी में पहली बार आया । में रोज दंतेवाडा और बस्तर के बारेमें अक्सर पढता था ,की आज यहाँ इतने जवान शहीद हो गए और वहा इतने , लेकिन रायपुर से ३८० किलोमीटर की दूरी पर दंतेवाडा में जो खुनी खेल खेला जा रहा हो, तो मेरे क्या इस्थिति होगी आप अंदाज़ा लगा सकते है । हमले में मारे गये इन जवानों ने उनका क्या बिगाड़ा था। जिनको इन्होने मौत के घाट उतर दिया । अगर ये लोग सरकार से खुल कर बात नहीं कर सकते, तो पीछे से क्यों वार करते है । आगर दम है डट कर सामना करे तब देखे आपकी मर्दानगी। जो लोग पीछे से वार करते है, वो कायर होते है। में इन जैसे लोगो को कायर ही कहूँगा । इनके अन्दर मर्दानगी वाली कोई चीज़ है ही नहीं। दंतेवाडा की जो बुरी इस्थिति आज है वो पुरे छत्तीसगढ़ के किसी जिले की नहीं है भले ही रमण सिंह दंतेवाडा और सरगुजा की यात्रा करके आये हो वो मात्र एक दिखावा है आज दंतेवाडा के लोगो ने दुसरे गावो में पलायन करना शुरू कर दिया । लोग गाव छोड़ने को मजबूर हो गए है दिन के समय में वहा पर्रिन्दा भी पर नहीं मारता है केंद्र और राज्ये सरकार अभी भी हाथ पर हाथ धरे बेठे है ७६ जवानों की जान जाने के बाद भी अभी कुछ परवाह ही नहीं है। हमले के कुछ ही दिन बाद नक्सलियों ने इस से भी बड़े हमले चेतावनी दी है. दिल्ली में बेठे भाषण देने से कुछ होने वाला नहीं है॥ कुछ दिनों पहले . वायु सेना अध्यक्ष का बयान आया की नक्सली भी हमारे देश के नागरिक है। हम उन पर वायु हमला नहीं कर सकते। देश के नागरिक जिस देश में रह रहे हो । और उसी देश को नुकसान पहुचाये। आप उनको नागरिक नहीं दुश्मन कह सकते हो। जिन नागरिको नो ७६ परिवारों की मांग उजाड़ दी हो उनको आप नागरिक कहते है। में तो कहता हूँ। जब घी सीधी ऊँगली से न निकले तो उसको तिरछा करना पड़ता है।