सबसे बडी वजह बने है रेड्डी बंधू(करुणाकरण , जनार्दन ) और विधानसभा अध्यक्ष जगदीश शेट्टर जो येदुरप्पा को हटाना चाहते है। भाजपा महासचिव अरुण जेटली जब बंगलोर गये थे। जो बिना कुछ कहे दिल्ली वापस लोट आए। लेकिन उनकी khamoshi ये बताती है वो भी येदुरप्पा को हटाना नही चाहते।
भाजपा में सबसे बडा संकट अब इस बात का है की यह पार्टी अब नेशनल लेवल पर पुरी तरह से टूट चुकी है। उसके बडे नेता भी अब अलग- अलग समूह में बिखर चुके है। येदुरप्पा अरुण जेटली के करीबी माने जाते है। to dusree तरफ़ रेड्डी बंधू सुषमा स्वराज के करीबी माने जाते है यहाँ साफ़तोर पर देखा जाता है पार्टी के आज बडे नेता भी अलग -अलग खेमे में बटे हुए है। हाल ही में विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भाजपा पुरी तरह से सदमे में थी । और सदमे में उभरने से पहले ही कर्नाटक में संकट के बादल छाने लगे । कर्नाटक में लिंगायत के सबसे jayeda समर्थन मिलने की कारण येदुरप्पा को कर्नाटक की कमान गयी थी । अब यदि येदुरप्पा को पार्टी से हटाया जाता है, तो भाजपा की बची- खुची छवि भी पुरी तरह से धूमिल हो जाएँगी ।
"कुल मिला कर ये बात सामने आती है की पार्टी में उठी चिंगारी की लपट राज्यों तक पहुँच गयी है। पार्टी में उठी चिंगारी को अब kon शांत करेगा यह कह पाना मुश्किल है।"
ललित कुचालिया.......
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