वो प्रदेश भी क्या प्रदेश है जहा की कला संस्कृति ख़ुद मुँह से बोलती है। ०१ नोवंबर १९५६ को जन्मा मध्य प्रदेश जैसे पहला था । आज वैसा नही है। १९४८ को मध्य प्रदेश का गठन हुआ । तब लीला धर जोशी ने जिम्मेदारी संभाली थी मध्य पदेश के समय तख्तमलजैन चीफ मिनिस्टर थे । ०१ नवम्बर१९५६ को मध्य प्रदेश का गठन हुआ । और पंडित रवि शंकर को चीफ मिनिस्टर के रूप में पेश किया गया । जो मध्य प्रदेश के पहलेचीफ मिनिस्टर बने । महाकोशल , विन्धेया चल , भोपाल राज्ये और मध्य भारत को मिलकर यह प्रदेश बनाया गया । जिसमे राजस्थान के कुछ इलाको मिलाया गया । देश का उप प्रदेश होने के बावजूद यहाँ की कला संस्कृति का अपना विशेष महत्व है। इसकी कला संस्कृति मध्य प्रदेश की मिटटी के कण -कण में रची बसी है। जिसका कोय तोड़ नही यहाँ के कुछ स्थान जैसे खुजराहों, साँची बालाघाट, पातालकोट ओंकारेश्वर ,आदि की खूबसूरती चारो और फैली है । जिसका नाम देश विदेश में लोकप्रिय है।
मध्य प्रदेश के लोग बहुत ही सीधे - साधे है। ऐसा लगता है मानों कला संस्कृति का इन पर खूब प्रभाव हो मध्य प्रदेश की भोगोलिक स्थिति को धियं में रखते हुए यंहा पर काफी विकास हुआ है।
आदिवासी इलाको में भी काफी विकास हुआ , इस विकास के साथ - साथ यंहा की हरियाली के साथ समझोता न करे , और महिला सशक्तिकरण को नज़र अंदाज़ न करे , दूर दराज की गरीब महिलाओ के लिए।
ese योजना लायी जाए , जिससे उनका उधार हो जाए क्योंकि नारी को देश के खजाने की चाभी कहा जाता है।अगर इस के साथ कोई खुराफात करेगा। तो सारा खजाना लूट जाएगा। ऐसी योजना के साथ हम अपने सपनो को साकार कर सकते है, हम चाहते है मध्य प्रदेश अपने पेरो पर खड़ा हो जाए जो bhirasthachar से मुक्त और विकास के मार्ग पर बढ़ा चला जाए ....................................
ललित..............
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