म। गा.अं. हि. विवि वर्धा में 31 से 09 नव. तक चलने वाली विदेशी शिक्षको के लिए अभिविन्यास कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति विभूति नारायण राय ने किया. दस दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला में श्रीलंका, मोरिशस, ज़र्मनी, क्रोशिया, बेल्जियम, चीन, न्यूजीलेंड ,रशिया, हंगरी, के शिक्षक हिस्सा ले रहे है . विवि. में विदेशी शिक्षको के लिए यह कार्यक्रम दोबारा हो रहा है, इसी साल ३ से 15 जनवरी कों यहाँ पहला आयोजन कराया गया था .
इस कार्यशाला के अंतर्गत विदेशी शिक्षको के लिए यह आयोजन इसलिए ज़रूरी है कि जिस उद्देश्य के साथ विदेशी छात्र बड़े पैमाने पर हिंदी सीखने के लिए भारत आते है। और जब यहाँ से हिंदी सीखकर स्वदेश जाते है, तो क्या वे उन उद्देश्यों का पालन करते है या फिर दुनिया भर के विवि और संस्थानों में हिंदी पढ़ाने के लिए जिस तरह की समस्याए आती है उसमे महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विवि. भी अपनी अहम भूमिका निभाना चाहता है. कुलपति राय बताया कि दुनिया भर के 150 विवि में हिंदी सबसे ज्यादा पढाई जाती है और विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओ में से एक है.
विवि. के प्रतिकुलपति एवं विदेशी शिक्षण प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रो. ए. अरविन्दाक्षन का कहना है की विदेशो के विभिन्न विवि. में हिंदी पढ़ाने वाले शिक्षको के लिए यह दूसरा आयोजन है इससे पहले प्रथम आयोजन में मोरिशस, ज़र्मनी, चीन ज़र्मनी, बैंकाक आदि विदेशी शिक्षको से हमे अच्छा परिणाम मिला. इसीलिए उन्होंने इस प्रकार के आयोजन की तारीफ भी की थी. दस दिन तक चलने वाली इस कार्यशाला में हिंदी के एतिहासिक परिप्रेक्ष्य, वर्तनी, वाक्य रचना, सिद्धांत, हिंदी भाषा प्रोद्धोगिकी और शिक्षण सामग्री निर्माण आदि विषयों पर चर्चा होगी. समय - २ पर देश भर से हिंदी के विशेषज्ञो कों यहा बुलाया जायेगा जो इन्हें हिंदी के बारे में काफी विस्तार से बतायंगे.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें